Saturday 16 June 2018

E-WAY बिल क्या है? इसे कैसे जेनेरेट किया जाता है? E-WAY बिल की वैलिडिटी क्या है?

नमस्कार दोस्तों,

व्यापर मंच में आपका स्वागत है आइये जानते है E-WAY बिल के बारे में

GST के अंदर अगर आप किसी भी गुड्स को एक स्टेट से दूसरे स्टेट में भेजते है या मंगवाते है तो आपको गुड्स की मूवमेंट के लिए  E-Way Bill जारी करना अनिवार्य हैं| अगर आपकी गुड्स की वैल्यू 50,000 रूपए से कम है तो E-Way बिल जारी करना आवश्यक नहीं हैं लेकिन Supplier या Receiver अपनी इच्छानुसार जारी कर सकता हैं|



E-way Bill एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक बिल होता है जिसमे भेजे जाने वाले या प्राप्त किये जाने वाले माल और उस पर लगने वाले GST की पूरी जानकारी होती है |  इलेक्ट्रॉनिक वे बिल (E-WAY बिल) एक कंप्लायंस प्रणाली है GST की जिससे गुड्स की मूवमेंट की सारी जरूरी जानकारी रखी जाती है  | इलेक्ट्रॉनिक वे बिल (E-WAY बिल) को आप GST पोर्टल पर जाकर जेनेरेट कर सकते है|

E-WAY बिल के कुछ ज़रूरी FACTS

  • 1     एक स्टेट से दूसरे स्टेट में गुड्स की मूवमेंट के लिए 01 अप्रैल, 2018 से E-way bill लागू हो गया है |
  • 2.     वर्तमान में E-way बिल प्रणाली with-in स्टेट लागू नहीं हुई है ।  बस कर्नाटक एकमात्र ऐसा राज्य है जहा एक स्टेट के अंदर सभी गुड्स को मूव करने के लिए इ-वे बिल ज़रूरी है  ।
  • 3.     इन्ट्रा स्टेट गुड्स की मूवमेंट के लिए  e-way बिल प्रणाली जल्दी ही शुरू कर दी जाएगी.  इन्ट्रा स्टेट ये प्रणाली चरणों में शुरू की जाएगी और १ जून से पहले सब स्टेट में लागू कर दी जाएगी |


E-WAY बिल का उद्देश्य
  • 1.    एक सिंगल e-Way बिल से आप गुड्स को पूरे देश में मूव कर सकते है ।
  • 2.    टैक्स की चोरी पैर रोकथाम |
  • 3.    पूरे देश में गुड्स की समस्या रहित मूवमेंट |
  • 4.    E-Way Bill नंबर  से गुड्स की मूवमेंट पर आसानी से नज़र रखी जा सकती है
  • 5.    E-Way bill से टैक्स अफसरों द्वारा जाँच करना हुआ आसान |


E-WAY bill के हितधारक (स्टेकहोल्डरस)
  • 1.     सप्लायर : इ-वे बिल को जेनेरेट कर सकता है और अगर किसी दूसरी पार्टी ने उसके नाम पर E- WAY बिल जेनेरेट किया है और उससे उसका कोई रिस्ता नहीं तो वो उसे रिजेक्ट भी कर सकता है |
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  • 2.     रिसीवर  : इ-वे बिल को जेनेरेट कर सकता है और अगर किसी दूसरी पार्टी ने उसके नाम पर E- WAY बिल जेनेरेट किया है और उससे उसका कोई रिस्ता नहीं तो वो उसे रिजेक्ट भी कर सकता है |
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  • 3.     ट्रांसपोर्टर : इ-वे बिल, कसोलिडेटेड इ-वे बिल को जेनेरेट कर सकता है और वाहन नंबर को अपडेट कर सकता है उस इ वे बिल में जो टैक्सपेयर ने उसे सौपा है  |
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  • 4.     डिपार्टमेंट ऑफिसर्स  – e-Way बिल्स और consignments  को वेरीफाई करना |
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  • E-WAY बिल कब जेनेरेट करे ?
  • 1.     ऐसी किसी भी गुड्स को ट्रांसपोर्ट करने के लिए को GST के अंदर exempt नहीं है इ वे बिल की ज़रूरत होती है |
  • 2.     जब भी किसी वाहन में 50,000 से ज्यादा की गुड्स की मूवमेंट हो तो इ वे बिल की ज़रूरत होती है |
  • 3.     हेंडीक्राफ्ट गुड्स की मूवमेंट या जॉब वर्क के उद्देश्य के लिए गुड्स की मूवमेंट के लिए इ वे बिल ज़रूरी होता है चाहे गुड्स की वैल्यू 50,000 से काम ही क्यों ना हो |


कब E-WAY बिल जेनेरेट करने की ज़रूरत नहीं होती ?
  • 1.     ऐसी गुड्स जो GST  के अंदर exempt  है उनके ट्रांसपोर्टेशन के लिए इ वे बिल की ज़रूरत नहीं होती |
  • 2.     ऐसी गुड्स जो GST  के अंदर कवर नहीं  है उनके ट्रांसपोर्टेशन के लिए इ वे बिल की ज़रूरत नहीं होती जैसे अलकोहल, पेट्रोल, डीज़ल, प्राकर्तिक गैस |
  • 3.     अगर गुड्स गैर-मोटर चालित वाहन द्वारा ट्रांसपोर्ट की जा रही है तो इ वे बिल की ज़रूरत नहीं होती |
  • 4.     खाली मालवाहक कंटेनरों का परिवहन पर इ वे बिल की ज़रूरत नहीं होती |
  • 5.     अगर कोई गुड्स पोर्ट, एयर पोर्ट, एयर कार्गो से ट्रांसपोर्ट की जाती है और जिनके लिए कस्टम क्लीयरेंस की ज़रूरत होती है उनके लिए भी इ वे बिल ज़रूरी नहीं होता |


ई-वे बिल कौन जेनेरेट कर सकता है ?
  • 1.     उपभोक्ता या मालवाहक, एक पंजीकृत व्यक्ति या माल के ट्रांसपोर्टर के रूप में ई-वे बिल उत्पन्न कर सकते है |
  • 2.     अपंजीकृत ट्रांसपोर्टर सामान्य पोर्टल पर नामांकन कर सकता है और अपने ग्राहकों के लिए माल की मूवमेंट के लिए ई-वे बिल तैयार कर सकता है |
  • 3.     कोई भी व्यक्ति अपने स्वयं के उपयोग के लिए माल की मूवमेंट के लिए ई-वे बिल को उत्पन्न कर सकता है।


ई-वे बिल कहाँ  जेनेरेट करें ?
  • 1.     वेब के माध्यम से (https://ewaybill.nic.in)
  • 2.     एसएमएस के माध्यम से
  • 3.     एंड्रॉइड APP के माध्यम से
  • 4.     एपीआई Interface के माध्यम से


ई-वे बिल बनाने के लिए क्या ज़रूरी है
  • 1.     E-WAY बिल पोर्टल पर पंजीकरण |
  • 2.     सामान का माल से संबंधित चालान / बिल / चालान हाथ में होना चाहिए।
  • 3.     यदि परिवहन सड़क द्वारा है - ट्रांसपोर्टर आईडी या वाहन नंबर |
  • 4.     यदि परिवहन रेल, वायु या जहाज द्वारा है - ट्रांसपोर्टर आईडी, परिवहन दस्तावेज़ संख्या


ई-वे बिल कैसे जेनेरेट करें ?
  • 1.     ई-वे बिल फॉर्म (जीएसटी ईडब्ल्यूबी -01) दो भागों में विभाजित है - भाग ए और भाग बी
  • 2.     पार्ट ए में माल से संबंधित विवरण जैसे कि चालान संख्या और तिथि, सप्लायर और प्राप्तकर्ता के जीएसटीआईएन, एचएसएन और सामान आदि के मूल्य शामिल होते हैं।
  • 3.     भाग बी में माल के ट्रांसपोर्टर से संबंधित विवरण जैसे सड़क परिवहन, परिवहन दस्तावेज़ संख्या के मामले में वाहन संख्या।
  • 4.     भाग बी को अंतरण के मामले में 50 किलोमीटर के भीतर अंतरण के स्थान से ट्रांसपोर्टर के स्थान के लिए आगे परिवहन के लिए या ट्रांसपोर्टर के स्थान पर से ले जाने के लिए आवश्यक नहीं है।

ई-वे बिल का संशोधन
ई-वे बिल संशोधित नहीं किया जा सकता है। केवल पार्ट-बी को अपडेट किया जा सकता है। हालांकि, अगर ई-वे बिल गलत जानकारी से उत्पन्न होता है, तो उसे रद्द कर दिया जा सकता है और फिर से उत्पन्न किया जा सकता है। इ वे बिल को जनरेशन के २४ घंटे के अंदर ही रद्द किया जा सकता है |

ई-वे बिल की वैधता
परिवहन मोड
दूरी
ई-वे बिल की वैधता
नियमित वाहन या over dimensional  कागो के अलावा
100 किलोमीटर से कम
1 दिन
प्रत्येक अतिरिक्त 100 किलोमीटर या उसके भाग के लिए
अतिरिक्त 1 दिन
Over dimensional cargo के लिए
20 किलोमीटर से कम
1 दिन
प्रत्येक अतिरिक्त 20 किलोमीटर या उसके भाग के लिए
अतिरिक्त 1 दिन

ई-वे बिल के नॉन कंप्लायंस के लिए जुर्माना
वित्तीय जुर्माना: इनवॉइस के कवर के बिना सामान ले जाना और ई-वे बिल में एक अपराध माना  जाता है और 10,000 रुपये का जुर्माना आकर्षित करता है या टैक्स वो टैक्स जो चुराने के उद्देश्य से इ वे बिल नहीं जेनेरेट किया  गया (जो भी अधिक हो)।
रोकथाम और जब्ती: एक ई-बिल के बिना माल परिवहन के लिए पाया जाने वाला वाहन को हिरासत में लिया जा सकता है या जब्त कर लिया जा सकता है और अधिकारी द्वारा निर्दिष्ट उचित कर और जुर्माना के भुगतान पर ही उसे रिलीज़ किया जायेगा |